बालिका छात्रावास स्कूल में बड़ा खुलासा, छात्राएं हुई गर्भवती, दिया जाता है प्रेग्नेंसी किट, चेक करते हैं छात्राओं के सैनिटरी पैड

मिर्जापुर (Mirzapur) ज़िले से एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले के मड़िहान तहसील स्थित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय आश्रम पद्धति बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने शिक्षकों और स्टाफ पर अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं।रिपोर्ट के अनुसार, कुछ छात्राएं गर्भवती भी पाई गई हैं और उन्हें प्रेग्नेंसी किट तक दी गई।

जिला प्रोबेशन अधिकारी की जांच में हुआ खुलासा

ईटीवी भारत की खबर के अनुसार, यह खुलासा जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा की गई जांच के बाद सामने आया है। रिपोर्ट में छात्राओं ने बताया कि स्कूल के वरिष्ठ लिपिक उनके ऊपर सिगरेट का धुआं छोड़ते हैं, जिससे वे परेशान रहती हैं। इतना ही नहीं, छात्राओं के सैनिटरी पैड तक चेक किए जा रहे हैं।

पूरे मामले की जांच तब शुरू हुई जब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने स्कूल का निरीक्षण किया और अनियमितताओं को लेकर ज़िलाधिकारी प्रियंका निरंजन को जांच के आदेश दिए। इसके बाद 6 फरवरी को एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जिसमें एसडीएम मड़िहान, जिला प्रोबेशन अधिकारी और बीडीओ जमालपुर शामिल थे। समिति ने 7 मार्च 2025 को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

रिपोर्ट में छात्राओं ने बताया कि स्कूल में नाश्ता और भोजन मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता, फल हफ्ते में सिर्फ एक बार दिए जाते हैं और दूध कभी नहीं दिया गया। छात्राओं का आरोप है कि उन्हें शिक्षक गालियां देते हैं और मारते-पीटते हैं। हेड क्लर्क छात्राओं के प्रति अशोभनीय रवैया रखते हैं और उन्हें जरूरी सामान समय पर नहीं दिया जाता।

वहीं दांत साफ करने की ब्रश और चप्पल साल में सिर्फ एक बार, जबकि तौलिए दो सालों से वितरित नहीं हुए हैं। छात्राओं को फटे पुराने कपड़े पहनने पड़ते हैं, जूतों और कपड़ों की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। उन्हें एक्सपायर्ड साबुन दिए जा रहे हैं। न तो खेल गतिविधियां कराई जाती हैं और न ही खेल का सामान उपलब्ध कराया जाता है। इतना ही नहीं, छात्राओं ने बताया कि उन्हें अपने माता-पिता से मिलने तक से रोका जाता है। स्कूल में अभिभावकों के बैठने या शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।

रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि विद्यालय दो गुटों में बंटा हुआ है और इन गुटों के टकराव से स्कूल की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि यह रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजी गई थी, बल्कि सीधे एसडीएम को सौंपी गई थी, जिस कारण विभाग इस गंभीर मामले से अनभिज्ञ था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले का संज्ञान ले लिया है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।




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