दिल्ली ब्लास्ट मामले में NIA को बड़ी सफलता, श्रीनगर से आतंकी उमर का सहयोगी दानिश गिरफ्तार

दिल्ली ब्लास्ट मामले में NIA को बड़ी सफलता, श्रीनगर से आतंकी उमर का सहयोगी दानिश गिरफ्तार

Delhi Blast | PTI

दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है, कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं. अब इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने एक और बड़ा खुलासा किया है. एजेंसी ने सोमवार को आतंकवादी उमर उन नबी के एक और प्रमुख सहयोगी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर गिरफ्तार कर लिया. दानिश कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड इलाके का रहने वाला है और साजिश में उसकी भूमिका बेहद तकनीकी व खतरनाक बताई जा रही है.

एनआईए की शुरुआती जांच बताती है कि दानिश लगातार आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के संपर्क में था और धमाके से पहले उसकी तकनीकी तैयारियों में गहराई से शामिल था.

ड्रोन मॉडिफिकेशन और रॉकेट बनाने में माहिर

एनआईए के मुताबिक, दानिश सिर्फ एक मददगार नहीं था, बल्कि तकनीकी दिमाग के रूप में पूरी मॉड्यूल को सपोर्ट कर रहा था. वह ड्रोन को मॉडिफाई करने के साथ-साथ इम्प्रोवाइज्ड रॉकेट बनाने की कोशिश भी कर रहा था. माना जा रहा है कि दिल्ली हमले से पहले यह मॉड्यूल कई बड़े हमलों की तैयारी कर रहा था, जिनमें ड्रोन और रॉकेट का इस्तेमाल किया जाना था.

48 घंटे में दूसरी बड़ी गिरफ्तारी

दानिश की गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही एनआईए ने आमिर राशिद अली को पकड़ा था जो उमर का दूसरा करीबी सहयोगी बताया जा रहा है. आमिर पर धमाके में इस्तेमाल हुई Hyundai i20 कार की खरीदारी और व्यवस्थाओं में मदद करने का आरोप है. कार उसके नाम पर रजिस्टर थी, जो अब जांच में अहम सबूत बन चुकी है.

उमर नबी ही चला रहा था i20 कार

फॉरेंसिक जांच से यह भी पुख्ता हो चुका है कि ब्लास्ट साइट से बरामद जली हुई बॉडी पार्ट्स उमर उन नबी के ही था. वह मेडिकल साइंस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर होने के साथ-साथ जैश से जुड़े एक बड़े मॉड्यूल के लिए काम कर रहा था.

पिछले हफ्ते 2,900 किलो से ज्यादा विस्फोटक की बरामदगी ने कई योजनाबद्ध हमलों को विफल कर दिया, जिसे भारत की सुरक्षा एजेंसियों बड़ी राहत के रूप में देख रही हैं.

जांच में तेजी, कई राज्यों में छापेमारी जारी

एनआईए ने रविवार को उमर की एक और कार भी जब्त की है जिसमें से डिजिटल सबूत और अन्य सामग्री मिलने की उम्मीद है. अब एजेंसी देशभर में छापेमारी कर रही है और तकनीकी ट्रेल्स को खंगाल रही है ताकि पूरे मॉड्यूल का नक्शा सामने आ सके.

अब तक 73 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें धमाके के चश्मदीद भी शामिल हैं. जांच एजेंसी का कहना है कि उनका लक्ष्य इस हमले के पीछे की पूरी “इकोसिस्टम” को उजागर करना है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.




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