गोबर पॅालिटिक्स; नेताओं के बीच रोचक ट्वीटर जंग

छत्तीसगढ़ में गोबर पॅालिटिक्स अब रोचक ट्वीटर जंग शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री और भाजपा के तेजतर्रार नेता अजय चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ के प्रतीक चिन्ह की तुलना गोबर से कर जो विवाद पैदा किया था उसके बाद अब कांग्रेस और चंद्राकर के बीच रोचक और शायराना ट्वीटर वार शुरू हो गया है।

छत्तीसगढ़ में गोबर को लेकर जारी सियासत अपने चरम पर है. गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शुक्रवार को जो ट्विट किया था,उसके बाद से इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर सियासी वार छिड़ गया है.कल से ही अजय चंद्राकर सत्ता पक्ष के नेताओं के निशाने पर हैं और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली जा रही है.उधर चंद्राकर भी सत्ता पक्ष के आक्रमण पर लगातार जवाब दे रहें हैं, जिसके बाद ट्विटर पर शायराना वार चलने लगा है.

कांग्रेस नेताओं के लगातार आलोचनात्मक टिप्पणी पर आज अजय चंद्राकर ने एक बार फिर ट्विटर पर तंज कसते हुए लिखा कि “मेरे लिखे लफ्ज़ ही बस पढ़ पाया वो, मुझे पढ़ पाए इतनी उसकी तालीम ही नहीं थी”. चंद्राकर के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने लिखा कि “किस मुुंह से बात करता है वाइज़ तालीम की बातें,मयकदे के बाहर हमने उसका शऊर देखा है”

इससे पहले आज अखबार की एक कटिंग को ट्विट कर अजय चंद्राकर ने लिखा कि “माननीय टी.एस.सिंहदेव जी,आपके परिवार के 100 से अधिक पीढ़ी राजा थी….खेद है आप “वजीर” हो गये…”दरअसल कल स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने अजय चंद्राकर के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए चंद्राकर से बयान वापस लेने की सलाह दी थी,जिसकी प्रतिक्रिया में चंद्राकर ने ये ट्विट किया है.

ईधर संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने भी शायराना अंदाज में अजय चंद्राकर पर हमला किया है.शैलेष ने एक वीडियो जारी कर चंद्राकर पर तंज कसते हुए कहा कि “गलत लफ्ज़ों को सुनकर खामोश रह जाना और हामी भर लेना,बहुत फायदे हैं इसमें,लेकिन अच्छा नहीं लगता”

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