बड़ी राहत, वित्त विभाग ने प्रवासी मजदूरों और उद्योगों के लिए खोला पिटारा

लॅाकडाऊन के दौरान देश में आई भारी मंदी से उबारने तथा जरूरत मंदों को राहत देने के लिए लगातार दूसरे दिन आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने राहतों की घोषणा की। आज की गई घोषणाओं में खासतौर पर प्रवासी मजदूरों तथा छोटे उद्योगों के लिए कई योजनाएं शामिल हैं। विस्तार से देखिए आज की गई घोषणाओं में किसको क्या मिला..

मनरेगा की राशि में 20 रुपए की बढ़ोतरी

लॉक़डाउन में घर पहुंचने को आतुर प्रवासी मजदूरों के लिए गांव में ही मनरेगा के जरिए रोजगार की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए मनरेगा की दिहाड़ी में 20 रुपए की बढ़ोतरी करते हुए 202 रुपए करने की घोषणा की. यहीं नहीं मनरेगा के जरिए देश में अब तक 2.33 करोड़ लोगों को काम दिया गया.

देशव्यापी होगी न्यूनतम वेतन की परिभाषा

इसके अलावा न्यूनतम वेतन की परिभाषा को देशव्यापी करते हुए इसमें क्षेत्रीय असमानता को दूर करना का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही इसे लागू करने के तरीकों का सरलीकरण किया जाएगा. इसमें सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र मिलेगा. मजदूरों की सालभर में एक बार स्वास्थ्य की जांच होगी, खतरनाक उद्योगों में काम करने वाले कामगारों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम फंड का प्रावधान किया जाएगा.

सभी कर्मचारियों के लिए ईएसआई अनिवार्य

इसके अलावा 10 कर्मचारियों वाले तमाम उद्योगों में ईएसआई अनिवार्य किया गया है. वहीं रात्रि में काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था का प्रावधान होगा. मंत्री ने बताया कि बीते तीन महीनों से ईएसआई में नियोक्ता और कर्मचारी की 12-12 प्रतिशत सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है. और आगे तीन महीनों के लिए भी वहन किया जाएगा.

दो महीने तक मजदूरों को मुफ्त राशऩ
मंत्री ने बताया कि अपने घर पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को दो महीने का मुफ्त राशन प्रदान करने जा रही है. इस योजना में 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें पांच किलो चावल या पांच किलो गेहूं के अलावा एक किलो चना दिया जाएगा. प्रवासी मजदूरों तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

पोर्टेबिलिटी ऑफ राशन
मंत्री ने बताया कि सरकार वन नेशन, वन राशन कार्ड लागू कर रही है. इसमें राशनकार्ड धारी किसी भी देश के किसी भी हिस्से से अपना राशन उठा सकता है. अगस्त 2020 तक देश के 23 राज्यों 67 करोड़ राशन कार्डधारियों को जोड़ लिया जाएगा. वहीं मार्च 2021 तक सौ फीसदी राशनकार्डधारियों को जोड़ लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है.

मजदूरों को किराए पर मिलेंगे मकान
प्रेस कांफ्रेंस में सीतारमन ने प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम कीमत पर रहने के लिए मकान मिल पाए, इसके लिए पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाए जाने की सुविधा दिए जाने के साथ उद्योगपति अपनी जमीन पर बनाने पर राहत देने और राज्य सरकारों को सस्ते दर पर मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही गई है. इसमें पीपीपी मोड पर भवनों का निर्माण किया जाएगा.

मुद्रा शिशु लोन में मिलेगा 50 हजार का लोन
सरकार की मुद्रा शिशु योजना के तहत लोगों को 50 हजार रुपए तक लोन की सुविधा प्रदान दी जाएगी. इस पर सरकार के 1500 करोड़ रुपए लगने का अनुमान है. इसके अलावा ईएमआई अदा कर रहे लोगों को 3 महीने की राहत अवधि के बाद लोन में सरकार की ओर से 2 प्रतिशत की राहत प्रदान की जाएगी. अनुमान किया जा रहा है कि इससे 3 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे.

रेहड़ी लगाने वालों को भी राहत
लॉकडाउन में रेहड़ी लगाने वालों का सबसे ज्यादा धंधा मार खाया है, ऐसे लोगों के लिए सरकार 5000 करोड़ रुपए की क्रेडिट पॉलिसी लेकर आई है. इससे 50 लाख रेहड़ी लगाने वालों को फायदा होने की उम्मीद है.

मध्यम वर्ग के सच होगा मकान का सपना
राहत पैकेज के जरिए मध्यम वर्ग के लिए मकान के सपने को सच करने की कोशिश की जा रही है. इसमें क्रेडिॉ लिंक सब्सिडी स्कीम (CLSS) के जरिए 6 से 12 लाख रुपए सालाना आमदनी वालों को छूट प्रदान की जाएगी. इस योजना को 31 मार्च 2020 से एक साल के लिए आगे बढ़ाया गया है. इस योजना से 2.5 लाख मध्यम वर्ग परिवारों को राहत मिलेगा. वहीं हाउसिंग सेक्टर में 70 हजार करोड़ का निवेश होगा, जिससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी.

किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए मदद
सरकार ने खरीफ फसल की बोआई की तैयारी में जुटे किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए राह्तों की घोषणा की है. इसमें पहले से ही दिए जा रहे 90 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त 30 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है. इस राशि को सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंक और राज्य ग्रामीण बैंक के जरिए किसानों को प्रदान किया जाएगा.

किसान क्रेडिट कार्ड का बढ़ा दायरा
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को कम दरों पर ऋण प्रदान किया जाएगा. साथ ही इसका दायरा बढ़ाते हुए किसानों के अतिरिक्त मछुआरों और पशु पालकों को भी जोड़ा जाएगा. योजना में 2.5 करोड़ किसानों को जोड़ने की योजना है, जिन्हें 2 लाख करोड़ रुपए तक मदद दिया जाएगा.

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