छत्तीसगढ़ में 9 अगस्त को मनाया जाएगा कमरछठ का त्योहार, राजधानी में पसहर चावल बिका 100 से 150 रुपए किलो

रायपुर। कमरछठ इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन मां अपनी संतान की लंबी उम्र एवं सुख-समृद्धि के लिए हलषष्ठी माता की पूजा-अर्चना करेंगी। बाकि राज्यों की बात करे तो हलषष्ठी पर्व को भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ के जन्मोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। षष्ठी, छठ माता की पूजा-अर्चना में पसहर चावल और छह प्रकार की भाजियों का भोग लगाया जाता है।
अनेक जिलों में लॉक डाउन होने के कारण बाजार बंद है। मात्र चार दिनों के लिए सुबह चार घंटे बाजार खोलने की इजाजत जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी। बीते दिन पसहर चावल खरीदने के लिए गोलबाजार, शास्त्री बाजार में महिलाओं की ताबड़तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी। कमरछठ पूजा में पसहर चावल का भोग लगाने की मान्यता के कारण चावल बीते दिन महंगे दरों में बिके। अलग-अलग जगहों पर महिलाओं को 100 से 150 रुपये किलो में चावल की बिक्री हुई। बता दें कि पूजा में फूल, नारियल, फुलोरी, महुआ, दोना, टोकनी, लाई, छह प्रकार की भाजी का बेहद महत्व है।
‘मान्यता है कि माता देवकी के छह पुत्रों को जब कंस ने मार दिया तब पुत्र की रक्षा की कामना के लिए माता देवकी ने भादो कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को षष्ठी देवी की आराधना करते हुए व्रत रखा था। इसी मान्यता के कारण महिलाएं अपने पुत्र की खुशहाली के लिए छठ का व्रत रखती हैं।’