15 जुलाई तक किसान करा सकेंगे फसल बीमा, दो बीमा कंपनियों को दिया गया काम
रायपुर । छत्तीसगढ़ के किसान खरीफ सीजन 2020 के लिए 15 जुलाई तक फसल बीमा करा सकते हैं। इस बीमा योजना के तहत धान, मक्का, मूंगफली, तुअर, मूंग और उड़द प्रमुख फसलें हैं। जानकारी के अनुसार इन फसलों का बीमा करने के लिए दो बीमा कंपनियों को काम दिया गया है, जो अलग-अलग जिलों में फसल बीमा करेंगी।
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी जशपुर, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, रायपुर, कबीरधाम और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में फसल बीमा करेगी। इसके बाद बचे 14 जिलों में दूसरी कंपनी फसल बीमा करेगी। फसल बीमा के तहत ओले पड़ना, जमीन धसना, जल भराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग के नुकसान पर खेतवार फसलों के नुकसान का आकलन किया जाता है।
वहीं राज्य में कई किसानों की फसल बीमा से उम्मीद टूट गई है। वे खरीफ धान फसल में बीमा नहीं कराना चाहते। जिले के 2300 ऋणी किसानों ने इस साल बीमा नहीं कराने सहमति पत्र दिया है। जबकि बीमा कराने 27 हजार 614 किसानों ने सहमति पत्र सहकारी समितियों को सौंपे है। इस साल पिछले साल की तुलना में पीएम फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में कमी आएगी।जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक के करीब 65 हजार किसान हर साल खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा कराते हैं, लेकिन इस साल शासन के नियमावली में बदलाव होने के कारण पीएम फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में कमी आएगी।
शासकीय आदेश के अनुसार जिले में संचालित सोसायटियां अब सीधे ऋणी किसानों का पीएम फसल बीमा नहीं कर पाएंगी। प्रीमियम के तौर पर उनके खाते से राशि सीधे नहीं काट सकेंगी। बीमा करने व उनके खाते से प्रीमियम राशि काटने के लिए खरीफ सीजन 2020 में किसानों से सहमति पत्र लिया जाना अनिवार्य किया गया है। इसलिए सभी सोसायटियां इन दिनों प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने वाले किसानों से सहमति व असहमति पत्र ले रहे हैं। जिले में अब तक प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के लिए 27 हजार 614 किसानों ने अपना सहमति पत्र सोसायटियों में जमा किया है। जबकि 2300 किसानों ने खरीफ सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं कराने के लिए असहमति पत्र जमा कर दिया है। अब सोसायटियां असहमति पत्र देने वाले ऋणी किसानों का बीमा नहीं कर सकेंगे। वहीं अऋणी किसान सोसायटियों व बैंकों से संपर्क कर बीमा करा सकते हैं।