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नहीं रहे मीठी आवाज के जादूगर पंकज उधास, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

मनोरंजन डेस्क।   मशहुर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) का निधन हो गया है. खबर मिली है कि वो लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. 72 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली है. निधन की जानकारी पंकज की बेटी नायाब उधास ने दी है. साल 2006 में पंकज उधास को गजल गायकी के करियर में सिल्वर जुबली पूरा करने के उपलक्ष्य में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

पंकज की बेटी नायाब उधास ने पोस्ट में लिखा- बहुत दुख के साथ हमें ये आपको बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार थे.

नहीं रहे पंकज उधास

ये खबर पता चलने के बाद म्यूजिक जगत में मातम पसरा हुआ है. पंकज जैसे गजल गायक का यूं दुनिया छोड़ जाना फैंस को गमगीन कर गया है. हर कोई सोशल मीडिया पर नम आंखों से सिंगर को आखिरी श्रद्धांजलि दे रहा है.

पंकज उधास (Pankaj Udhas) का जन्म 17 मई 1951 को हुआ था. भारतीय संगीत उद्योग में उनको तलत अजीज और जगजीत सिंह जैसे अन्य संगीतकारों के साथ इस शैली को लोकप्रिय संगीत के दायरे में लाने का श्रेय दिया जाता है. उधास को फिल्म नाम में गायकी से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका एक गीत चिठ्ठी आई है काफी लोकप्रिय हुआ था. उसके बाद से उन्होंने कई फिल्मों के लिए एक पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज दी है. इसके अतिरिक्त उन्होंने कई एल्बम भी रिकॉर्ड किए हैं और एक कुशल गजल गायक के रूप में पूरी दुनिया में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. 2006 में पंकज उधास को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.पंकज उधास (Pankaj Udhas) के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक अभिनेता थे, जिसकी वजह से पंकज संगीत के संपर्क में आए. रंगमंच पर उनका पहला प्रदर्शन भारत-चीन युद्ध के दौरान हुआ, जिसमें उन्होंने “ऐ मेरे वतन के लोगों” गाया जिसके लिए एक दर्शक द्वारा उनको पुरस्कार स्वरूप 51 रुपये का इनाम भी दिया गया. चार साल बाद वे राजकोट की संगीत नाट्य अकादमी में भर्ती हो गए और तबला बजाने की बारीकियों को सीखा. उसके बाद, उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से विज्ञान स्नातक डिग्री की पढ़ाई की और एक ‘बार’ में काम शुरू कर दिया, तथा समय निकालकर गायन का अभ्यास करते रहे.

कौन थे पंकज उधास?

सिंगर पंकज उधास का जन्म गुजरात के जेतपुर में 17 मई 1951 को हुआ था। 1980 में गजल एल्बम ‘आहट’ से शुरुआत करने के बाद उन्होंने ‘मुकरार’, ‘तरन्नुम’ औ ‘महफ़िल’ जैसे एल्बम से पॉप्युलैरिटी हासिल की थी। तीन साल में ही उन्होंने मनोरंजन जगत में अपनी पहचान बना ली थी। इसके अलावा पंकज उधास ने महेश भट्ट की फिल्म ‘नाम’ में गाना ‘चिट्ठी आई है’ गाया और वो रातोंरात सुपरहिट हो गया। पंकज उधास तीन भाई थे और सबसे छोटे थे। पिता का नाम केशुभाई उधास और मां का नाम जितुबेन उधास हैं। इनके बड़े भाई मनहर उधास भी जाने-माने बॉलीवुड के सिंगर हैं। भावनगर से स्कूलिंग करने के बाद मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वहीं, इनके पिता केशुभाई उधास एक सरकारी कर्मचारी थे। केशुभाई की मुलाकात प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से हुई थी, जिन्होंने बाद में पंकज को ‘दिलरुबा’ वाद्ययंत्र बजाना सिखाया था।

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