RAIPUR : महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें – सुश्री उइके.. स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबीनार में हुई शामिल

रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज राजभवन में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। उन्होंने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जो महिला सशक्त होकर समाज में जगह बना चुकी हैं उन्हें हमारी बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देनी चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि भारत वह देश है, जहां पर माता हमेशा पूज्यनीय रही हैं, समय के साथ कई कुरीतियां भी भारतीय समाज में आ गई, लेकिन जब भारत स्वतंत्र हुआ तो शिक्षा के प्रसार के साथ जागरूकता आई और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया जाने लगा। महिलाओं के कल्याण के लिए शासन द्वारा अलग विभाग बनाया गया, जिसके माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाने लगी। फलस्वरूप कई महिलाएं स्वप्रेरणा से सामने आने लगी। आज महिलाएं सभी क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

हम छत्तीसगढ़ की बात करें तो बस्तर से लेकर सरगुजा तक महिलाएं आगे आ रही हैं और स्व-सहायता समूह बनाकर अच्छा कार्य कर रही हैं इससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। बस्तर अंचल दंतेवाड़ा के बालूद ग्राम की महिलाएं नई दिशा स्व-सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक सहायता प्राप्त कर छोटे-छोटे व्यवसाय कर रही हैं और जैविक खेती भी कर रही हैं।

सरगुजा के अंबिकापुर शहर में स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं डोर-टू-डोर जाकर कचरा एकत्रित कर रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छता मिशन में योगदान दे रही हैं। साथ ही उत्तरी छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम चांगरो की महिलाएं स्व-सहायता समूह के माध्यम से जीरा फूल धान की खेती कर रही हैं और मिनी राईस मिल का संचालन भी कर रही हैं। इन समूह द्वारा उत्पादित जीरा फूल चावल की मांग दूर-दूर तक है। यह हमारी महिला सशक्तिकरण की पहचान है कि फुलबासन यादव को टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में शामिल होने का अवसर मिला।

राज्यपाल ने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध पर समाज को जागृत होने का आग्रह करते हुए कहा कि सबसे पहले परिवार में बच्चों को महिलाओं के प्रति सम्मान की शिक्षा देनी चाहिए। यदि उसके मन में बचपन से ऐसी भावनाएं आ जाए तो महिलाओं के प्रति अपराध में काफी कमी आ सकती है।

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