लॉकडाउन के बीच शराब मुहैया कराने वाले राज्य सरकार के फैसले पर लगाई रोक
केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस फैसले पर रोक लगाई जिसके तहत उन शराब पीने वालों को विशेष पास जारी किए जाने थे जिनके पास आबकारी विभाग से शराब खरीदने के लिए डाक्टर का पर्चा है। हाई कोर्ट ने अगले तीन हफ्ते के लिए यह रोक लगाई है। दरअसल, केरल सरकार ने नशेड़ियों को उनकी बुरी हालत को देखते हुए चिकित्सीय सलाह पर शराब मुहैया कराने के लिए विशेष पास जारी करने का निर्णय लिया था।
जिससे वे आबकारी विभाग की मदद से शराब ले सकें। डॉक्टरों के संघ की आपत्ति के बावजूद, कोविड-19 के प्रकोप के कारण लागू 21-दिवसीय लॉकडाउन के दौरान चिकित्सीय परामर्श पर शराबियों को शराब मुहैया कराने के संबंध में सोमवार रात को यह सरकारी आदेश जारी किया गया था।
आदेश में कहा गया था, “लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब की दुकाने बंद होने की वजह से शराब ना मिलने से हताश होकर आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी समस्याएं देखी गयी हैं। राज्य सरकार इन्हीं समस्यायों से निपटने के लिए यह निर्णय ले रही है।” आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों को नशा ना मिलने के कारण शारीरिक और मानसिक समस्याएं होती हैं उन्हें नियंत्रित और निर्धारित तरीके से शराब दी जा सकती है।
इसमें यह भी कहा गया था कि ऐसे लक्षणों वाले लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों या मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर से खुद की जांच करानी चाहिए। यह भी कहा गया था कि इसके लिए शराब की दुकानों को खोलने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि अब हाई कोर्ट ने केरल सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है।