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बड़ी खबर; इस साल नहीं बढ़ेगी बिजली दर…विद्युत नियामक आयोग ने 2023-24 का टेरिफ किया जारी

रायपुर। राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है, विद्युत नियामक आयोग ने आगामी एक वर्ष के लिए टेरिफ जारी किया है जिसमें किसी भी श्रेणी में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।  छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने वर्ष 2021-22 हेतु रू.538.04 करोड़ राजस्व घाटे की मांग की है जिसे आयोग ने मंजूरी दे दी है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी ने विगत वर्षों के रू. 38.22 करोड़ के राजस्व घाटे की मांग की थी परंतु आयोग ने इसके स्थान पर रू.51.24 करोड़ राजस्व घाटे का अनुमोदन किया है। वर्ष 2021-22 के घाटे और वर्ष 2023-24 के लिए बिजली की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित राजस्व के आधार पर, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) ने रू. 2950.54 करोड़ राजस्व घाटे का दावा किया है। संपूर्ण विश्लेषण के उपरान्त आयोग ने रू. 2950.54 करोड़ के घाटे के स्थान पर रू. 2924.53 करोड़ को ही मान्य किया है ।

कम्पनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता रू. 15581.14 करोड़ के स्थान पर रू.17228.31 करोड़ मान्य किया गया है। उपरोक्तानुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आयोग द्वारा आकलित औसत विद्युत लागत दर रू. 6.58 /- निर्धारित होती है। प्रचलित दरों के आधार पर वर्ष 2023-24 की आकलित औसत विद्युत बिलिंग दर रू. 6.21 /- होती है। आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों से औसत विद्युत बिलिंग दर रू.6.34 /- अनुमानित है जो कि वर्तमान प्रचलित दर से 13 पैसे अधिक है।

उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई उच्च दाब उद्योगों के है। विद्युत प्रदाय वोल्टेज के अनुसार लागू दरों में अंतर को ध्यान में रखते हुए, 220 kV एवं 132 kV के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों को युक्तिसंगत किया गया है। HV-5 एवं LV-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। राज्य की विद्युत वितरण कंपनी की कार्य कुशलता, बिलिंग दक्षता में वृद्धि करने हेतु आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में समुचित निर्देश जारी किए गए हैं।

कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ता

गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत छूट जारी रहेगी।

किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर . क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 7 प्रतिशत की छूट को घटाकर 5 प्रतिशत की गई है।

पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों ( Electrical Transport system) हेतु इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की विद्यमान टैरिफ रू.5/- प्रति यूनिट जारी रखा गया है।

महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित कृषि एवं संबंधित गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।

राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाईल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 01.04.2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाईल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है।

निम्नदाब उद्योग

● निम्न दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है। ।

उच्चदाब उपभोक्ता

● रक्षा स्थापना (डिफेंस स्टेब्लिसमेंट) को ऊर्जा प्रभार में 15 प्रतिशत की रियायत जारी रखी गई है उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले राईस मिलों, पोहा एवं मुरमुरा मिलों को प्रचलित ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।

33 के.वी. तक के उच्च दाब पर विद्युत प्राप्त करने वाले स्वतंत्र लघु ऑक्सिजन संयंत्र को ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 10 प्रतिशत की छूट को वर्तमान आदेश में समाप्त कर दिया गया है। सभी उच्चदाब स्टील उपभोक्ता श्रेणी को वर्तमान में दी जाने वाली लोड फेक्टर इंसेंटिव को जारी रखा गया है।

राज्य के बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में संचालित स्टील उद्योगों हेतु प्रचलित विद्युत दरों के प्रभार में दी जा रही 7

ऊर्जा प्रतिशत की छूट को घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। ऑफपीक अवधि की टीओडी की दरों को सामान्य अवधि हेतु तय दरों के 65 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया है।

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