कोरोना वायरस की वजह से इकॉनमी को तगड़ा झटका, देश को चुकानी पड़ रही है बड़ी आर्थिक कीमत
21 मार्च को जब एक ट्रेन देश के पूर्वी भाग के लिए मुंबई से निकल रही थी तो यह खचाखच भरी हुई थी। बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर अपने घर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जा रहे थे। कोराना वायरस की वजह से काम ठप हो गया तो उनके लिए शहर में रहना काफी महंगा था। लेकिन रेलवे ने अब पैसेंजर ट्रेनों को 31 मार्च तक रद्द कर दिया है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में मजदूर शहरों में रह गए, लेकिन उनके पास आय का साधन नहीं है।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश इस समय लॉकडाउन है। देश को इसकी बड़ी आर्थिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है। दिहाड़ी मजदूर, छोटो कारोबारी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कामगारों पर इसकी मार पड़ी है। निश्चित तौर पर बड़े कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इन सब वजहों से अप्रैल-जून 2020 तिमाही में विकास दर काफी नीचे आ सकती है। ऐसा केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो सकता है। दुनियाभर की सरकारों को इस सुस्ती से निकलने के लिए प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान करना होगा। लोगों के हाथों में पैसा दिया जा सकता है ताकि वे उपभोग में कमी ना करें। ऐसे माहौल में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) जैसी स्कीमों से बहुत फायदा मिल सकता है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने घोषणा की है कि 750 ऑस्ट्रेलियन डॉलर का कैश पेमेंट 60 लाख लोअर इनकम वाले लोगों को दिया जाएगा। अमेरिका में भी 75 हजार डॉलर तक सालाना आमदनी वालों को 1,200 डॉलर देने पर विचार चल रहा है।