इन लक्षणों से जानें आपको कोरोना वायरस है या सर्दी-बुखार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित कर दिया है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनियाभर के कई देशों में फैलता ही जा रहा है। भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर दिन कोरोना से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच राहत की बात यह है कि अमेरिका में कोरोना के वैक्सीन का परीक्षण किया जा चुका है, जबकि भारत में भी वैज्ञानिकों के कोरोना के स्ट्रेन अलग करने में सफलता हासिल कर ली है। कई अन्य देशों में भी हो रहे शोधों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस बीच भय के माहौल में लोग सामान्य बुखार या सर्दी में भी घबरा जा रहे हैं। अधिकतर लोगों को कोरोनावायरस की खास जानकारी नहीं है। दरअसल कोरोना, सर्दी-बुखार या सीजनल फ्लू से बिल्कुल अलग है।

सबसे पहले जानते हैं मौसमी बुखार के बारे में:
इसकी शुरुआत आकस्मिक हो सकती है। मौसम में बदलाव के बीच लापरवाही बरतने के कारण लोग बीमार हो जाते हैं।

अब जानते हैं सामान्य सर्दी के बारे में:
ठंड लगने के कारण सर्दी होना आम बात है। आंख, नाक और कान के माध्यम से ठंडी हवा लगने से या फिर ठंडे वातावरण में ठंडी चीजें ज्यादा खाने से हमें सर्दी हो जाती है।

अब जानते हैं कोरोनावायरस के बारे में:
कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है, जिससे अबतक दुनियाभर में 3100 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है। इसकी शुरुआत अचानक हो सकती है।

अब समझते हैं कि सीजनल फ्लू से कोरोना कितना अलग है:
सीजनल फ्लू
पीड़ित व्यक्तियों में औसतन 0.1 फीसदी की जान जाती है
हर मरीज औसतन 1.3 लोगों में संक्रमण फैलाता है
65 से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर खतरा ज्यादा

कोरोनावायरस
केवल वुहान में इससे संक्रमित 2 प्रतिशत की मौत
एक संक्रमित व्यक्ति औसतन 2.2 लोगों को संक्रमित करता है
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर खतरा ज्यादा

कोरोना की फिलहाल कोई दवा नहीं है, हालांकि कई परीक्षण चल रहे हैं। फ्लू की चार दवाइयां पहले से हैं। लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलने और दवा लेने से राहत मिल सकती है। इन सारी जानकारियों के बाद आप भी समझ गए होंगे कि अगर आपका नाक जाम है या उससे पानी गिर रहा है तो आप कोरोनावायरस से पीड़ित नहीं हैं।

कई लोगों के मन में ये सवाल भी रहता है कि क्या उन्हें कोरोना की जांच करानी चाहिए। डॉक्टर बताते हैं कि जांच कराना उन्हें जरूरी है, जो पिछले कोरोनावायरस से प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे हों या फिर प्रयोगशाला में पॉजिटिव पाए गए मरीजों से सीधे संपर्क में आए हों। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि 14 दिनों के लिए घर में आइसोलेशन में रहें।

14 दिनों के भीतर लक्षण दिखने लगें तो प्रयोगशाला में जांच कराएं। स्वास्थ्य मंत्रालय की हेल्पलाइन +91 11 23978046 पर संपर्क करें। किसी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आएं तो फिर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
बार-बार आंख, नाक मुंह छूने से बचें।
संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें।
सर्दी, जुकाम, बुखार और कफ होने पर अस्पताल जरूर जाएं।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धुलें।
भीड़भाड़ में 3 से 6 फुट की दूरी बना कर चलें।
बार-बार हाथ धोते रहें ताकि कीटाणु न फैलें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button