जन्मदिन पर विशेष; भुपेश बघेल 50 साल बाद भी अपने इन फैसलों के लिए जाने जाएंगे

कुणाल शुक्ला
मैनें यहां पार्षद बनते ही लोगों के सर पर सत्ता की खुमारी चढ़ते देखा है,कोई विधायक मंत्री बन जाय तो फिर बात ही क्या है वह हवा में रहता है पैर जमीन पर नहीं टिकते, परंतु वह आज प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं उनके व्यवहार आचरण में तनिक भी फर्क नहीं आया है। वह पहले जैसे मिलनसार थे आज भी वैसे ही सभी के लिए मिलनसार हैं।
आज कांग्रेस अगर डॉ रमन सिंह का पंद्रह बरस पुराना तिलस्म तोड़ कर सत्ता में है तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ भूपेश बघेल की नेतृत्व क्षमता को जाता है। विपक्ष के नेता के रूप में विधानसभा के अंदर उनका टेबल ठोक कर बोलना की “मुझे कांग्रेस ने जो जिम्मेदारी दी है उसे मैँ पूरा करके रहूंगा”
विपक्ष के नेता के रूप में बैलगाड़ी में बैठ कर विधानसभा घेराव करने निकलना या फिर राजधानी के थानों ,EOW के दफ़्तर में अचानक ही धमक कर धरना दे देना वाकई हतप्रद कर देता था।
मैनें संयुक्त मध्यप्रदेश के तमाम नेताओं के कैरियर को करीब से देखा है और उसे समझा है, इन सबमें सबसे अलग शानदार लीडरशिप क्वालिटी और क्षमता मुझे श्री भूपेश बघेल में लगती है। मेरे जैसे साधारण व्यक्ति के पित्रशोक में वह साथ खड़े रहते हैं। मेरे जन्मदिन पर वह खुद ही फ़ोन लगा कर पूछते हैं ” तें कतेक बरस के डोकरा हो गये”? उनकी यह छोटी छोटी बातें दिल को छू जाती हैं…
मेरे विचार से पचास बरस बाद छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इन बातों के लिए याद रखेगा
1)छत्तीसगढ़ के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति।
2)छत्तीसगढ़ के भांजे श्रीराम को भाजपा राज के दौरान उनका खो चुका सम्मान पुनः वापस दिलवाने हेतु उठाये गए कदम।
3)किसानों को उनकी फ़सल का उचित मूल्य और हक़ दिलवाना।
4)छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने हेतु किए गए कार्य।
5)आदिवासी भाई बहनों को उद्योगपतियों से उनकी जमीन वापस दिलवाना,और उनके विरुद्ध बनाये गए फ़र्ज़ी मामलों को समाप्त किया जाना।
ईश्वर से उनके सदैव स्वस्थ तथा दीर्घायु होने की कामना करता हूँ।
लेखक कबीर संचार शोध पीठ के अध्यक्ष हैं