उपार्जित धान का समय पर कस्टम मिलिंग हो, मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जा रहे धान का समय पर कस्टम मिलिंग कराने के संबंध में केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में राज्य की कस्टम मिलिंग की क्षमता का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय पूल के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मेट्रिक टन उसना चावल एवं 14 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
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मुख्यमंत्री बघेल ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि भारतीय खाद्य निगम के द्वारा पूर्व खरीफ वर्षो 2016-17 एवं उसके पहले उसना के साथ-साथ अरवा चावल भी उपार्जित किया जाता रहा है। अतः एफ.सी.आई. द्वारा राज्य की आवश्यकता से अतिशेष चावल उसना के साथ-साथ अरवा चावल के रूप में भी लिया जाना होगा ताकि डी.सी.पी. योजना अंतर्गत उपार्जित समस्त धान का समय पर निराकरण किया जा सके और धान के रख-रखाव में कोई क्षति न हो।
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मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी लिखा है राज्य में स्थापित 400 उसना राईस मिलों की उसना मिलिंग क्षमता 5.68 लाख मेट्रिक टन प्रतिमाह और 1504 अरवा मिलों की अरवा मिलिंग क्षमता 18.83 लाख मेट्रिक टन प्रतिमाह है। इसे ध्यान में रखते हुए खरीफ वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मेट्रिक टन उसना चावल एवं 14 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति दी जाए।
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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित किए जाने वाले धान के कस्टम मिलिंग उपरांत 60 लाख मेट्रिक टन चावल लेने की कार्ययोजना का अनुमोदन भारत सरकार द्वारा किया गया है। इसमें से भारतीय खाद्य निगम में केन्द्रीय पूल अंतर्गत अनुमानित सरप्लस 40 लाख मेट्रिक टन चावल उपार्जित किया जाएगा तथा शेष 20 लाख मेट्रिक टन (एन.एफ.एस.ए. अंतर्गत 15 लाख मेट्रिक टन अरवा व स्टेट पूल अंतर्गत 4.80 लाख मेट्रिक टन अरवा एवं 0.20 लाख मेट्रिक टन उसना) चावल राज्य में पीडीएस की आवश्यकता हेतु छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लिमिटेड में उपार्जित किया जाएगा।