CM की प्रेस कांफ्रेंस, एथेनॉल बनाने तीन जिलों में लगेगा प्लांट, 4 कंपनियों से हो चुका है MOU.. जानें कहां-कहां लग रहा प्लांट

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को राजीव भवन में अपने तीन सहयोगी मंत्रियों के साथ पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने ने बताया कि महासमुंद, बिलासपुर और बालोद जिला में एथेनॉल बनाने के लिए प्लांट की स्थापना की जा रही है। इसके लिए 4 कंपनियों से MOU किया जा चुका है। तकरीबन एक साल लगेंगे, जिसके बाद छत्तीसगढ़ में धान से एथेनॉल बनने लगेगा।

सीएम भूपेश बघेल ने इससे पहले बताया कि देश में लागू हुआ कृषि कानून नही है, पूंजीपतियों को लाभ देने का कानून है। केंद्रीय मंत्री बालियान आये थे उन्होंने कहा था धान खरीदी करने के लिए राज्य सरकार एजेंसी है खरीदने का काम FCI के जरिये केंद्र सरकार करती है। जब हम एजेंसी हैं तो 24 लाख मीट्रिक टन ही लेंगे ऐसा कैप क्यों लगाया जाता है। केंद्र के अधिकारियों ने बताया नियम बदल गया है। 14 जून 2014 में पीएम ने बोनस देने वाले राज्य का चावल खरीदना बंद कर दिया। 2017-18 में बोनस देने की छूट दी गई। 2019 में उसी छूट का लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को मिला।

धान खरीदने के साथ बोनस देने की अनुमति मांगने हम बार बार केंद्र सरकार के पास गए, अनुमति नहीं दी गई। फरवरी 2019 में न्यू सर्किट हाउस में एथेनॉल को लेकर कार्यशाला हुई। हमने केंद्र से एथेनॉल की अनुमति मांगने लगातार पत्राचार किया। धान से बने एथेनॉल का 54 रुपये प्रति लीटर की दर तय किया गया है।राज्य सरकार के पास जो सरप्लस चावल है उसे भी FCI ले ताकि, उस धान को भी उद्योग एथेनॉल बनाने के लिए ले पाएं।

सीएम ने धान खरीदी पर कहा कि हम नवम्बर में धान खरीदी करना चाहते हैं। केंद्र सरकार बोरी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। जैसे जैसे बोरे की उपलब्धता होगी उस आधार पर धान खरीदी की तारीख तय होगी।

सीएम के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा केंद्र सरकार कह रही है धान से एथेनॉल बनाने में 10 हजार करोड़ का निवेश होगा। हमारी सरकार बनते ही पहली चिंता धान के प्रबंधन की हमने की है। सीएम ने वैज्ञानिक आधार पर सोचने के लिए कहा, रविशंकर विश्विद्यालय में धान से एथेनॉल बनाने का सफल परीक्षण हुआ। छग के किसानों के धान का प्रबंधन हो पायेगा। केंद्र सरकार ने लगातार प्रयासों के बाद एथेनॉल बनाने की अनुमति दे दी है।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा धमेंद्र प्रधान ने कहा छत्तीसगढ़ को लाभ होगा। सीएम ने केंद्र सरकार के बेरियर को हटाकर एथेनॉल बनाने की अनुमति देने की मांग की थी। बीते साल की तुलना में किसानों ने बीज, Kcc लोन 31 फीसदी ज्यादा लिया है।

केंद्र छग के किसानों को लाभ देना चाहती है तो खरीब के 30 लाख मीट्रिक टन ! केवल FCI को अनुमति दी है, वह अनुमति छग सरकार को भी दे और FCI के माध्यम से छग में प्लांट लगाए। 2500 में हमारा रवि और खरीब का धान केंद्र सरकार खरीदे तब फायदा मिलेगा। 20 लाख करोड़ में से 20 पैसा किसी को नहीं मिला है। केवल बायोएथेनॉल की घोषणा से छग के किसानों को लाभ नहीं मिलेगा।

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा छग का धान का कटोरा है।हमारा शेष धान बचता है, उसमें एथेनॉल बनाने की अनुमति केंद्र सरकार दे।

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