रेप मामले में जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जनक पाठक को मिली अग्रिम ज़मानत… HC ने कहा– “प्रथम दृष्टया ज़मानत दिए जाने पर हम सहमत”

बिलासपुर। बीते तीन जून से जांजगीर पुलिस के रिकॉर्ड में अनाचार के आरोपी के रुप में दर्ज जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जनक पाठक की अग्रिम ज़मानत याचिका पर आखिरकार आज सुनवाई हुई। यह अग्रिम ज़मानत याचिका बीते सोलह जून को हाईकोर्ट में पेश की गई थी, जिसमें पहली सुनवाई एक जुलाई को हुई थी।

जस्टिस अरविंद चंदेल की कोर्ट में क़रीब पच्चीस मिनट से अधिक समय तक की बहस में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने बहस करते हुए प्रमुख रुप से एफआईआर  के देर से दर्ज किए जाने और घटनाक्रम की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाया। अधिवक्ता शशांक ठाकुर ने यह तर्क कोर्ट के सामने रखा कि, पीड़िता ने जिस कार्यालय को घटनास्थल बताया है, वह ज़िले का प्रमुख कार्यालय है, वहां घटना के समय में बहुतों की उपस्थिति होती है,ऐसे में वहाँ घटना होना विश्वसनीय नही है।

इसे नार्थ वेस्टर्न रेलवे-अजमेर पहले ही सफल प्रयोग कर चुका है। इस साइकिल पर हथौड़ा, पेचकस, प्लास आदि भारी चीजों को एक थैले में रखकर आसानी से लटकाया जा सकता है। इस साइकिल का वजन महज 20 किलो है। वहीं इसकी गति 10 किमी/प्रति घंटा है। साइकिल के अगले पहिये को एक लोहे के पाइप के जरिये व्हील से जोड़ा जा गया है। वहीं, दूसरी पटरी तक भी एक व्हील दो पाइप के जरिये जोड़ी गई है। इससे साइकिल व्हील पर तेजी से पटरी पर भागती है।

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