धान खरीदी; आंकड़ों का मायाजाल, दावा 83 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लेकिन दस्तावेज में 79 लाख
रायपुर। धान खरीदी को लेकर मचे बवाल के बाद राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की बात कही जा रही है वहीं दस्तावेजी आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं, वहीं तमाम सरकारी दावों के बावजूद प्रदेशभर के किसान सैकड़ों क्विंटल धान के साथ खरीदी केंद्रों और सड़कों पर हैं।
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान नें बताया गया है कि इस साल सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड बना है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदी के अंतिम दिन आज शाम तक लगभग 83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है और देर रात तक धान खरीदी चलने की संभावना है। राज्य में गतवर्ष की तुलना में इस साल लगभग दो लाख 50 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचा है। राज्य में धान खरीदी के लिए 85 लाख मीट्रिक टन का अनुमान लगाया गया है। प्रदेश में गत वर्ष समर्थन मूल्य पर लगभग 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था।
ये तो रहे सरकारी दावे लेकिन प्रदेश कांग्रेस से प्राप्त आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं इनमें खरीदी का आंकड़ा दावे से काफी कम है। और आंकड़ों और दस्तावेजों से हटकर अगर हकीकत पर नजर डालें तो मुंगेली, बेमेतरा, केशकाल, धमतरी, नवागढ़ समेत सैकड़ों गांवों के किसान धान खरीदी का इंतजार करते हुए या तो खरीदी केंद्रों में जमे है या अपना धान लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि आज धान खरीदी का आखिरी दिन था और सरकार ने फिलहाल धान खरीदी की तारीख और बढ़ाने से इनकार किया है।