दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन बनकर हुई तैयार.., वैज्ञानिकों ने कही ये बातें

रूस ने शनिवार को कहा कि उसने अपनी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप का उत्पादन कर लिया है। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ऐलान किया था कि रूस ने कोरोना की सफल वैक्सीन तैयार कर ली है जो तमाम जांच से गुजर चुकी है।
हालांकि, अमेरिका सहित कई देशों ने रूसी वैक्सीन Sputnik V पर सवाल खड़े किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रूस की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है रूसी वैक्सीन को अभी कड़े सुरक्षा जांच से गुजरने की जरूरत है।
लेकिन रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गामलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन पूरा कर लिया गया है। रूस ने इससे पहले कहा था कि कोरोना वैक्सीन का व्यापारिक उद्देश्यों के लिए उत्पादन सितंबर से शुरू होगा। दिसंबर या जनवरी से रूस हर महीने 50 लाख वैक्सीन की खुराक का उत्पादन कर सकता है।
शुरुआत में रूस के हेल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन की खुराक दी जाएंगी, बाद में वॉलंटियर करने वाले लोगों को वैक्सीन दी जाएंगी। रूस ने यह भी बताया है कि भारत सहित दुनिया के करीब 20 देशों ने Sputnik V वैक्सीन खरीदने में रुचि जताई है।
वहीं, दुनिया में कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों का कुल आंकड़ा 2 करोड़ 16 लाख से अधिक हो गया है। रूस कुल संक्रमण के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है जहां करीब 9.17 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।
वैज्ञानिकों ने कहीं ये बात
कोरोना महामारी के खिलाफ वैश्विक स्तर वैक्सीन तैयार करने की रेस में कुछ वैज्ञानिकों को रुस में तैयार वैक्सीन पर शक है। उन्हें लगता है कि मॉस्को ने सुरक्षा की जगह राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को तवज्जो देते हुए जल्दबाज में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी। रूसी वैक्सीन को मंजूरी बिना फेज-3 ट्रायल के ही दी गई है, जिसमें हजारों प्रतिभागी होते हैं। वैक्सीन की मंजूरी से पहले साधारणतया ऐसे ट्रायल को आवश्यक माना जाता है। रूस ने कहा कि सबसे पहले तैयार की गई कोरोना वैक्सीन को इस महीने के अंत तक उतार दिया जाएगा।