थम नहीं बस्तर में बवाल, बंद के फैसले पर आदिवासी समाज में दो फाड़, नेताओं में मचा घमासान

छत्तीसगढ़ की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले सामाजिक संगठन छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज दो गुटों में बंट गया है। पूर्व सांसद सोहन पोटाई की अध्यक्षता वाले धड़े ने 19 जुलाई से राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी है।
नारायणपुर में दो समुदाय के बीच हुए विवाद के मामले को लेकर आज दंतेवाड़ा बंद है। पूरा नगर आदिवासियों के आह्वान पर पूरे नगर को बंद किया गया। सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान तुरंत बंद किए गए । सुरक्षाबल भी मुस्तैद दिखे। जिले के सभी नगर किरंदुल , बचेली, गीदम और दंतेवाड़ा पूर्ण रुप से बंद हुआ है।
वहीं ठीक दो दिन पहले दूसरे गुट ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भारत सिंह की अध्यक्षता में एक नई कार्यकारिणी घोषित कर दी है।
जल्द ही समझ आएगा कौन है समाज के साथ- नेताम
सर्व आदिवासी समाज संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि जल्दी ही समझ में आ जाएगा कि कौन लोग समाज के साथ हैं, उनके मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। पहले घोषित कार्यकारिणी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावटे ने कहा, सिलगेर, पदोन्नति में आरक्षण और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आरक्षण रोस्टर के उल्लंघन जैसे मुद्दों पर हम लोगों ने आंदोलन घोषित किया है।
इधर नई कार्यकारिणी लाने वाले सर्व आदिवासी समाज के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने दावा किया, अरविंद नेताम, नंद कुमार साय और सोहन पोटाई के गुट ने 21 फरवरी को नवा रायपुर के बंजारी धाम में हुई आम सभा में जबरदस्ती चुनाव की कोशिश की। उस दिन चुनाव रद्द हो गया। पंजीयक की सलाह पर 11 जुलाई को चुनाव रखा गया था। इसमें संगठन के संविधान का पालन किया गया है। चुनाव अधिकारियों पीआर नाइक व एनएस ठाकुर ने अलग – अलग पदों के लिए पृथक – पृथक नामांकन लिए। एक-एक पद के लिए सिंगल नामांकन ही मिले। इस वजह से जिन्होंने नामांकन भरे थे निर्वाचित घोषित किया गया। अब कार्यकारिणी की पूरी सूची पंजीयक को भेजने की तैयारी हो रही है। नेताम ने आरोप लगाया कि ये लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।