सेहत के लिए बेहद गुणकारी होते है ये जंगली बादाम

रायपुर। बादाम के बारे में तो हम सभी जानते हैं और इसके फायदों को देखते हुए रोजाना इसका सेवन भी करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जंगली बादाम भी उतना ही फायदेमंद है? आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों के रस से तैयार मलहम त्वचा और कुष्ठ रोगों के इलाज में बहुत कारगर है।

 जंगली बादाम क्या है?

जंगली बादाम का पौधा समुद्र तटीय इलाकों में ऊंचाई पर पाया जाता है। जंगली बादाम के फल चपटे, नुकीले-अण्डाकार होते हैं और इनके किनारे लाल और बैगनी रंग के होते हैं। इसके प्रत्येक फल में एक बीज होता है। साल के हर सीजन में इसमें फल और फूल उगते रहते हैं।

जंगली बादाम की छाल, पत्ते और तेल पसीना लाने वाले, अधिक पेशाब लाने वाला और पेट को साफ करने वाला होता है। जंगली बादाम पेट के रोगों और आमवात के रोगों में बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा खुजली , त्वचा के रोग में जंगली बादाम का लेप लगाने से लाभ मिलता है। इसका तेल पेट के कीड़ों का नाश करने वाला होता है।

 जंगली बादाम के औषधीय गुण –

-जंगली बादाम अम्ल, मधुर, कषाय, शीत तथा पित्तशामक होता है।

-यह मलरोधक, कफ तथा शुक्रवर्धक होता है।

-इसकी छाल, पत्र तथा कच्चे फल स्तम्भक, मृदुविरेचक, पाचक, मूत्रल, स्वेदल तथा पूयरोधी होते हैं।

-इसके बीज पोषक, मधुर, तिक्त तथा स्तम्भक होते हैं।

-इसके फल अम्ल, मधुर, पोषक, पाचक, तीक्ष्ण, शैत्यकारक, वाजीकर, पित्तशामक तथा आंतों के लिए हितकर होते हैं।

इसके फल मधुमेहनाशक क्रियाशीलता प्रदर्शित करते हैं।

-आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम पित्तशामक होता है अर्थात यह पित्त को कम करने में मदद करता है साथ ही यह आंतों के लिए भी बहुत उपयोगी है। आइये जानते हैं कि किन किन बीमारियों में जंगली बादाम का उपयोग करना लाभदायक है।

– विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली बादाम की पत्तियों का रस नाक में 1-2 बूँद डालने से या पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है।  इसके अलावा जंगली बादाम की गिरी को सरसों के तेल के साथ पीसकर सिर पर लगाने से भी सिर का दर्द दूर होता है।

– आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम की पत्तियों और छाल में टैनिन नामक तत्व पाया जाता है जो दस्त को रोकने में मदद करता है। खुराक संबंधी जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

– इसी तरह अगर आप पेट दर्द से परेशान हैं तो जंगली बादाम की पत्तियों के रस की 5 एमएल मात्रा लें और इसमें काला नमक मिलाकर इसका सेवन करें। इसे पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है।

–  गठिया के दर्द में जंगली बादाम की पत्तियों को पीसकर जोड़ों पर लगाएं। इसे नियमित रूप से लगाने से गठिया के दर्द से आराम मिलता है।

–  विशेषज्ञों के अनुसार जंगली बादाम की पत्तियों और छाल को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं। घाव के साथ साथ कुष्ठ रोगों में भी यह घरेलू उपाय कारगर है।

– आयुर्वेद के अनुसार जंगली बादाम की तने की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में आराम मिलता है। खुराक संबंधी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।

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